बुलाती है मगर जाने का नहीं ये दुनिया है इधर जाने का नहीं मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुज़र जाने का नहीं
कइसे बइठे हौ अल्लर असन,थोरकन अपन मया दिखावा।परस्तुती पसन्द आइस हो ही त, ताली तो जरूर बजावा।। ???? ???? ???? ????
We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.